घाघ
घाघ या कवि घाघ पुरान समय के एक ठे ब्यक्ति रहलें जे खेती-किसानी आ मौसम से संबंधित अनुभव के कहावत के रूप में बतवलें आ आज भी उनके कथनी पूरा उत्तर भारत में मुँहजबानी चलत आवत बा।
इनके कुछ कहावत सभ के संकलन भी छपल बाटे।
घाघ या कवि घाघ पुरान समय के एक ठे ब्यक्ति रहलें जे खेती-किसानी आ मौसम से संबंधित अनुभव के कहावत के रूप में बतवलें आ आज भी उनके कथनी पूरा उत्तर भारत में मुँहजबानी चलत आवत बा।
इनके कुछ कहावत सभ के संकलन भी छपल बाटे।