कच्छ का रण

कच्छ का रण
रण उत्सव

कच्छ का रण तथा महान कच्छ का रण गुजरात प्रांत में कच्छ जिले के उत्तर तथा पूर्व में फैला हुआ एक नमकीन दलदल का वीरान प्रदेश है। यह लगभग 23,300 वर्ग कि॰मी॰ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह समुद्र का ही एक सँकरा अंग है जो भूचाल के कारण संभवतः अपने मौलिक तल को ऊपर उभर आया है और परिणामस्वरूप समुद्र से पृथक हो गया है। Chandra gupt Maurya के समय यह नौगम्य झील था। उत्तरी रण लगभग 257 कि॰मी॰ में फैला हुआ है। पूर्वी रन अपेक्षाकृत छोटा है। इसका क्षेत्रफल लगभग 5,178 वर्ग कि॰मी॰ है। मार्च से अक्टूबर मास तक यह क्षेत्र अगम्य हो जाता है। सन्‌ 1819 ई. के भूकंप में उत्तरी रन का मध्य भाग किनारों की अपेक्षा अधिक ऊपर उभड़ गया। इसके परिणामस्वरूप मध्य भाग सूखा तथा किनारे पानी, कीचड़ तथा दलदल से भरे हैं। ग्रीष्म काल में दलदल सूखने पर लवण के श्वेत कण सूर्य के प्रकाश में चमकने लगते हैं।

नाम "रण" हिन्दी शब्द से आता है (रण) अर्थ "रेगिस्तान" है।

कच्छ के रन की पश्चिमी सीमा पाकिस्तान!!! से मिलती है। 9 अप्रैल 1965 को पाकिस्तान ने अचानक आक्रमण करके इसके एक भाग पर कब्जा कर लिया। भारतीय सैनिकों ने अपना क्षेत्र वापस लेने के लिए कार्रवाई की तो युद्ध छिड़ गया। लेकिन ब्रिटेन के हस्तक्षेप से युद्ध विराम हुआ और मामला फैसले के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाया गया। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय (19 फ़रवरी 1968) के अनुसार कच्छ के रन का 10 % भाग पाकिस्तान को मिला और शेेेष 90 % भाग भारत को [1]

जलवायु

गर्मियों में तापमान ४४-५० डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है - यह भारत के सबसे गरम क्षेत्रों में से एक है। सर्दियों का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है।

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