जर्मन एकीकरण
जर्मन एकीकरण एक ऐसी प्रक्रिया थी जिसने जर्मनी को एक संप्रभु राज्य के रूप में फिर से स्थापित किया गया। यह प्रक्रिया 9 नवंबर 1989 से 3 अक्टूबर 1990 को पूरी हुई। इस दौरान, जर्मन लोकतांत्रिक गणराज्य का विघटन हुआ और इसके घटक संघ राज्यों को जर्मनी के संघीय गणराज्य में एकीकृत किया गया। इस प्रक्रिया के साथ ही, जर्मनी राष्ट्रीय का निर्माण हुआ। जर्मन एकीकरण की इस महत्वपूर्ण तिथि को जर्मन एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है और सन् 1991 से यह जर्मनी में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है।[1] उसी तिथि को, पूर्व और पश्चिम बर्लिन को भी एक शहर में फिर से एकीकृत किया गया।
प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
जर्मनी के एकीकरण से संघीय गणराज्य ने पूर्वी जर्मनी को मिलाकर महान शक्ति का दर्जा पाया। अंतरराष्ट्रीय संगठनों में पश्चिमी जर्मनी की सीटें बनी रहीं। संविधान संशोधन कर ओडर-नीस रेखा को स्थाई सीमा माना गया। और टू प्लस फोर संधि के माध्यम से अंतराष्ट्रीय सीमाओं और संधियों को वैधता दी।
प्रांतीय प्रभाव
एकीकरण के बाद, पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के बीच ऐतिहासिक असमानताएँ बनी रहीं। पूर्वी जर्मनी में रूसियत और गरीबी का प्रभाव था, जबकि पश्चिमी जर्मनी में अमीरी और स्वार्थी प्रवृत्तियाँ थीं। संवाद की कमी और सांस्कृतिक विरासत की उपेक्षा ने विभाजन को बढ़ाया, जिससे निराशा और असंतोष बढ़ा।[2]
इन्हें भी देखें
संदर्भ
सन्दर्भ की झलक
- ↑ ""जर्मनी के एकीकरण के लिए संघीय गणराज्य जर्मनी और जर्मन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक पार्टी के बीच समझौता"।". www.gesetze-im-internet.de (जर्मन में). मूल से 20 नवम्बर 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2022-03-06.
- ↑ कैमरून, अबाडी (2009-08-07). "बर्लिन का पतन". Foreign Policy. मूल से 2009-08-09 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-10-11.