फ्रांसीसी व्यंजन

एक नौवेल्ले व्यंजन प्रस्तुति

फ्रांसीसी व्यंजन फ्रांस की समृद्ध पाक परंपराओं का प्रतीक है। 14वीं शताब्दी में गिलौम टायरल ("टेलीवेंट") ने ले वियानडियर नमक एक पुस्तक लिखा, जो मध्ययुगीन व्यंजनों का प्रमुख ग्रंथ है। 17वीं शताब्दी में फ्रांकोइस पियरे ला वरेन और मैरी-एंटोनी कैरेम ने फ्रांसीसी व्यंजनों को विदेशी प्रभावों से अलग कर स्वदेशी शैली विकसित की। पनीर और शराब फ्रांसीसी भोजन की पहचान हैं, जो क्षेत्रीय विविधताओं और फ्रांसीसी कानून अपीलेशन डी'ऑरिजिन नियंत्रण (ए॰ ओ॰ सी॰) के तहत संरक्षित हैं। ये व्यंजन फ्रांस की सांस्कृतिक और पाक विरासत को दर्शाते हैं।[1]

फ्रांस की पाक शैली

आज के समय में कई व्यंजन राष्ट्रीय फ्रांसीसी व्यंजनों का हिस्सा माने जाते हैं। पारंपरिक फ्रांसीसी भोजन में तीन प्रकार होते हैं:— हॉर्स डी'ओव्रे या एन्ट्री (प्रारंभिक आहार, जो कभी-कभी सूप के रुप में होता है), प्लैट प्रिंसिपल (मुख्य आहार), और फ्रॉमेज (पनीर) या मिठाई। कभी-कभी पनीर या मिठाई से पहले सलाद भी परोसा जाता है। फ्रांसीसी राष्ट्रीय व्यंजन की अवधारणा को उन खाद्य पदार्थों के समूह के रूप में देखा जाता है, जिन्हें सभी वर्गों के लोग खाते हैं और जिनके बारे में उनके मजबूत विचार होते हैं। यह विचारधारा इस बात को प्रदर्शित करती है कि गरीब लोग भी अमीरों के समान व्यंजन खाते हैं, हालांकि यह कम बार होता है। जो की सांस्कृतिक समानता और खाद्य विविधता को दर्शाता है।[2]

संदर्भ

सन्दर्भ की झलक

  1. मिल्लर, नोरमन (अक्टूबर 2014). "ए॰ओ॰सी॰ कानून: फ्रांस की सबसे बेशकीमती उपज". फ्रेंचएंट्री पत्रिका. मूल से 14 May 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 May 2021.
  2. टेरियो, सुसान (2016). "फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका में उच्चतम गुणवत्ता वाली चॉकलेट का निर्माण और सेवन". प्रकाशित विल्किन्सन-वेबर, क्लेयर एम॰; डेनिकोला, एलिसिया ओरी (संपा॰). प्रौद्योगिकी, वैश्वीकरण और पूंजीवाद में सुरक्षा भेद्यता।. न्यूयॉर्क और लंदन: रूटलेज. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4725-9485-3.