विसिगोथिक साम्राज्य
विजीगॉथ साम्राज्य Regnum Visigothorum | |
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विजीगॉथ साम्राज्य (500 ई.) | |
राजधानी एवं सबसे बड़ा शहर | टोलिडो |
आधिकारिक भाषाएँ | गॉथिक, लैटिन |
सरकार | राजशाही |
• पहला राजा | अलारिक प्रथम |
स्थापित | |
• स्थापना | 418 ई. |
• विघटन | 711 ई. |
विजीगॉथ साम्राज्य पश्चिमी यूरोप के मध्यकालीन इतिहास का एक महत्वपूर्ण साम्राज्य था, जिसकी स्थापना 5वीं शताब्दी में गॉथ जनजातियों द्वारा हुई थी। विजीगॉथों की उत्पत्ति जर्मनिक जनजातियों में से हुई मानी जाती है। यह साम्राज्य मुख्यतः आधुनिक स्पेन और पुर्तगाल के क्षेत्रों में विस्तृत था। विजीगॉथ साम्राज्य ने रोमन साम्राज्य के पतन के बाद यूरोप में अपनी पहचान बनाई।
शुरुआत और विस्तार
विजीगॉथों के इतिहास का आरंभ रोमन साम्राज्य के साथ उनके संबंधों से होता है। 410 ई. में विजीगॉथों के नेता अलारिक प्रथम ने रोम पर आक्रमण किया, जिसने पूरे साम्राज्य में भय और चिंता पैदा कर दी। इसके बाद विजीगॉथ पश्चिम की ओर गॉल और हिस्पानिया (आधुनिक स्पेन) की ओर बढ़े। 418 ई. में रोमन सम्राट फ्लेवियस कॉन्स्टैंटियस III ने उन्हें फ्रांस के टूलूज क्षेत्र में बसने की अनुमति दी।[1]
451 ई. में विजीगॉथों ने रोमन और फ्रैंकों के साथ मिलकर हून नेता अटिला को हराने में मदद की। हालांकि, 507 ई. में वूईले की लड़ाई में फ्रैंकों से हारने के बाद, विजीगॉथों ने स्पेन के अंदरूनी हिस्सों में अपना साम्राज्य स्थापित किया।[1]
प्रमुख शासक और प्रशासन
विजीगॉथ साम्राज्य का सबसे प्रभावशाली शासक यूरिक (466–484 ई.) था, जिसने साम्राज्य को संगठित और विस्तारित किया। उसके शासनकाल में पहला विजीगॉथिक विधि संहिता बनाई गई। अलारिक द्वितीय (484–507) ने "ब्रेवीरियम अलारिकानम" नामक कानून जारी किया, जिसमें रोमन और विजीगॉथिक कानूनों का समावेश था।[2]
साम्राज्य का प्रशासनिक ढांचा काफी हद तक रोमन मॉडल पर आधारित था। कर संग्रह और शहरी प्रशासन की जिम्मेदारी रोमन अधिकारियों के पास ही रही। 6वीं शताब्दी में राजधानी टोलिडो स्थानांतरित हुई, जहां से साम्राज्य का संचालन होता रहा।[3]
धार्मिक एकता
साम्राज्य के आरंभिक वर्षों में विजीगॉथ मुख्यतः आरियन ईसाई थे, जबकि उनके अधिकांश गैलो-रोमन और हिस्पानो-रोमन प्रजा निसीन ईसाई थे। 589 ई. में राजा रिकार्ड ने निसीन ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया, जिससे साम्राज्य में धार्मिक एकता आई। टोलिडो की तीसरी परिषद ने कैथोलिक चर्च को आधिकारिक धर्म के रूप में मान्यता दी।[2]
विजीगॉथ साम्राज्य का पतन
विजीगॉथ साम्राज्य का पतन 711 ई. में हुआ, जब उत्तरी अफ्रीका के मुस्लिम सेनापति तारिक इब्न ज़ियाद ने इस पर आक्रमण किया। गुआडालेट की लड़ाई में विजीगॉथों की हार के साथ, मुस्लिम सेनाओं ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और इस्लामी शासन की शुरुआत हुई।[3]
संस्कृति और विरासत
विजीगॉथ साम्राज्य का साहित्य और कानूनी परंपरा यूरोप के मध्यकालीन इतिहास पर गहरा प्रभाव छोड़ गई। इस दौर के प्रमुख विद्वानों में सेविले के इसिडोर और ज़रागोजा के ब्रौलियो शामिल थे। विजीगॉथिक कानून संहिताएं, विशेष रूप से "लिबर ज्यूडिकोरम," स्पेनिश कानून पर कई शताब्दियों तक प्रभावी रहीं।[1]
निष्कर्ष
विजीगॉथ साम्राज्य ने यूरोप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह न केवल रोमन और जर्मनिक परंपराओं के संगम का प्रतीक था, बल्कि इसके कानून, प्रशासन और धर्म सुधारों ने पश्चिमी सभ्यता की नींव को मजबूत किया।[2]
संदर्भ
सन्दर्भ की झलक
- ↑ अ आ इ Rawls, Richard S. (2016), "Visigoths, Kingdom of the", The Encyclopedia of Empire (अंग्रेज़ी में), John Wiley & Sons, Ltd, पपृ॰ 1–2, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-118-45507-4, डीओआइ:10.1002/9781118455074.wbeoe139, अभिगमन तिथि 2025-01-22
- ↑ अ आ इ The Visigothic Kingdom: The Negotiation of Power in Post-Roman lberia. Amsterdam University Press. 2020.
- ↑ अ आ "Spain - The Visigothic kingdom | Britannica". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). 2025-01-22. अभिगमन तिथि 2025-01-22.