शिशु

एक शिशु अपनी दादी के साथ
30 मिनट पहले जन्मा एक भारतीय नवजात शिशु
एक रोता हुआ नवजात शिशु

शिशु पृथ्वी पर किसी भी मानव (प्राणी) की सबसे पहली अवस्था है। जन्म से एक मास तक की आयु का शिशु नवजात (नया जन्मा) कहलाता है जबकि एक महीने से तीन साल तक के बच्चे को सिर्फ शिशु कहते हैं। आम बोल चाल की भाषा मे नवजात और शिशु दोनो को ही बच्चा कहते हैं। एक दूसरी परिभाषा के अनुसार जबतक बालक या बालिका आठ वर्ष के नहीं हो जाते तब तक वे शिशु कहलाते हैं।

शिशु देखभाल

नवजात शिशु की देखभाल एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदार कार्य है। यहाँ पर नवजात शिशु की देखभाल के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:

1. स्वच्छता और स्वास्थ:

  • हाथ धोना: नवजात शिशु को छूने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
  • साफ वातावरण: शिशु को साफ और सुरक्षित वातावरण में रखें। कमरे को नियमित रूप से साफ करें और धूल-मिट्टी से बचाएं।

2. स्तनपान:

  • समय पर स्तनपान: नवजात शिशु को हर 2-3 घंटे में स्तनपान कराएं। इससे शिशु को पोषण मिलता है और उसका विकास सही होता है।
  • दूध की मात्रा: शिशु को जितना दूध चाहिए उतना पिलाएं। उसकी भूख के संकेतों को पहचानें और उसी के अनुसार स्तनपान कराएं।

3. नींद और आराम:

  • सुरक्षित नींद: शिशु को पीठ के बल सुलाएं। सोने के स्थान पर कोई भी तकिया, कंबल, या खिलौने न रखें जो उसकी सांस लेने में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
  • नींद का समय: नवजात शिशु को दिन में 16-18 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। सुनिश्चित करें कि उसे शांत और अंधेरे कमरे में सुलाया जाए।

4. डायपर की देखभाल:

  • डायपर बदलना: शिशु का डायपर नियमित रूप से बदलें, खासकर जब वह गीला या गंदा हो। इससे त्वचा की जलन और डायपर रैश से बचा जा सकता है।
  • साफ और सुखा: डायपर बदलते समय शिशु की त्वचा को अच्छी तरह साफ करें और उसे सुखाएं।

5. नहाना और सफाई:

  • नहलाना: नवजात शिशु को सप्ताह में 2-3 बार गुनगुने पानी से नहलाएं। ज्यादा ठंडा या गर्म पानी इस्तेमाल न करें।
  • साफ कपड़े: शिशु के कपड़े साफ और नरम होनी चाहिए। उन्हें धोकर धूप में सुखाएं।

6. डॉक्टर की सलाह:

  • टीकाकरण:शिशु के टीकाकरण का समय पालन करें और नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराएं।
  • संकेतों का ध्यान रखें:अगर शिशु को बुखार, उल्टी, दस्त, या कोई अन्य असामान्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

इन सुझावों का पालन करके आप अपने नवजात शिशु की अच्छी तरह देखभाल कर सकते हैं और उसे स्वस्थ और खुशहाल रख सकते हैं।

बच्चे का ज्ञानवर्धन कैसे करें:

अभी तक आपने देखा की बच्चे के जन्म के बाद देखभाल कैसे करें। जबकि बच्चे को परवरिश के साथ-साथ बच्चे का ज्ञानवर्धन भी करना बहुत जरूरी होता हैं। इसलिए, आपको बच्चे के सम्पूर्ण विकास पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता हैं। आप अपने बच्चे को खेल-खेल में पेन, पेपर जैसी अनेकों चीज दिखाकर उसके बारे में बता सकते हैं।

बाहरी कड़ियाँ

नवजात शिशु की देखभाल