वेदान्त
हिंदू धर्मग्रंथावरील लेखमालेचा भाग | |
वेद | |
---|---|
ऋग्वेद · यजुर्वेद | |
सामवेद · अथर्ववेद | |
वेद-विभाग | |
संहिता · ब्राह्मणे | |
आरण्यके · उपनिषदे | |
उपनिषदे | |
ऐतरेय · बृहदारण्यक | |
ईश · तैत्तरिय · छांदोग्य | |
केन · मुंडक | |
मांडुक्य ·प्रश्न | |
श्वेतश्वतर ·नारायण | |
कठ | |
वेदांग | |
शिक्षा · छंद | |
व्याकरण · निरुक्त | |
ज्योतिष · कल्प | |
महाकाव्य | |
रामायण · महाभारत | |
इतर ग्रंथ | |
स्मृती · पुराणे | |
भगवद्गीता · ज्ञानेश्वरी · गीताई | |
पंचतंत्र · तंत्र | |
स्तोत्रे ·सूक्ते | |
मनाचे श्लोक · रामचरितमानस | |
शिक्षापत्री · वचनामृत |
वेदान्त म्हणजेच उतर मीमांसा. ही याचीची रचना बादरायण यांनी केली. उपनिषदांसकट सर्व वेगवेगळ्या मतांचा समन्वय हिच्यात करण्यात आला आहे. वेदांमध्ये २ भाग आहेत. कर्मकांड आणि ज्ञान कांड. त्यापैकी वेदान्तामध्ये ज्ञानकांड येते.
वेदान्तावरील मराठी पुस्तके
- कर्माचा सिद्धांत (मूळ गुजराथी हीराभाई ठक्कर, मराठी अनुवाद - बळवंत शंकर काशीकर)
- देवमाळ (पांडुरंग हरी कुलकर्णी) : या पुस्तकात मूळ ब्रह्मसूत्रांचा म्हणजे वेदान्तसूत्रांचा सोप्या मराठीत अनुवाद केला आहे.
- ब्रह्मसूत्र (श्रीकांत देसाई)
- ब्रह्मसूत्र शांकरभाष्य भाग - १, २, ३. (श्रीकृष्ण देशमुख)
- ब्रह्मसूत्रशारीरभाष्यार्थ (विष्णू वामन बापटशास्त्री)
- मूळ सांख्यांच्या शोधात (उदय गजानन कुमठेकर)
- वेदांत विचार (मूळ गुजराथी लेखक हीराभाई ठक्कर, मराठी अनुवाद - बळवंत शंकर काशीकर)