ये झूला गाड़ी जब नीचे की तरफ जाती है तब उसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है, अर्थात उसकी स्थितिज ऊर्जा कम कम हो जाती है और गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। जब रोलर कास्टर ऊपर चढ़ता है तो इसके उल्टा होता है, उसकी गतिज ऊर्जा घटती है और स्थितिज ऊर्जा बढ़ जाती है।
गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) किसी पिण्ड की वह अतिरिक्त ऊर्जा है जो उसके रेखीय वेग अथवा कोणीय वेग अथवा दोनो के कारण होती है। इसका मान उस पिण्ड को विरामावस्था से उस वेग तक त्वरित करने में किये गये कार्य के बराबर होती है। यदि किसी पिण्ड की गतिज ऊर्जा E हो तो उसे विरामावस्था में लाने के लिये E के बराबर ऋणात्मक कार्य करना पड़ेगा।[1]
गतिज ऊर्जा (रेखीय गति) = (1/2) * m * v * v ; m = द्रव्यमान, v = रेखीय वेग
उदाहरण के लिए यदि हमें किसी 80 किलोग्राम द्रव्यमान की वस्तु का जो कि 18 मीटर प्रति सेकंड (65 किलोमीटर प्रति घंटा) की गति से चल रही है, उसकी गतिज ऊर्जा का मान ज्ञात करने हेतु हमें इस सूत्र की आवश्यकता होगी। :-