सत्यवती और शांतनु के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुये। शान्तनु का स्वर्गवास चित्रांगद और विचित्रवीर्य के बाल्यकाल में ही हो गया था इसलिये उनका पालन पोषण भीष्म ने किया। भीष्म ने चित्रांगद के बड़े होने पर उन्हें राजगद्दी पर बिठा दिया लेकिन कुछ ही काल में गन्धर्वों से युद्ध करते हुये चित्रांगद मारा गया। इस पर भीष्म ने उनके अनुज विचित्रवीर्य को राज्य सौंप दिया। अब भीष्म को विचित्रवीर्य के विवाह की चिन्ता हुई। अम्बिका और अम्बालिका का विवाह विचित्रवीर्य के साथ करवा दिया। विचित्रवीर्य अपनी दोनों रानियों के साथ भोग विलास में रत हो गये किन्तु दोनों ही रानियों से उनकी कोई सन्तान नहीं हुई? और वे क्षय रोग से पीड़ित हो कर मृत्यु को प्राप्त हो गये।
सन्दर्भ क: कुरु साम्राज्य के संस्थापक कुरु थे। इसके बाद राजा शांतनु। शांतनु सत्यवती से विवाह के पहले गंगा के पति थे।
ग: विचित्रवीर्य के निधन के बाद व्यास से धृतराष्ट्र और पांडु का जन्म हुआ। च: कुंती को विवाह से पहले कर्ण पैदा हुआ। ड: पांडव पांडु के पुत्र थे। लेकिन देवताओं के वर प्रभाव से कुंती और माद्री को ये पुत्र उत्पन्न हुए। यम धर्मराज से युधिष्ठिर,वायु से भीम,इंद्र से अर्जुन,माद्री को अश्वनी देवताओं से जुड़वां बच्चे नकुल, सहदेव हुए। त: दुर्योधन और उसके सौ भाई एक बार पैदा हुए। न: पांडवों को द्रौपदी से पाँच पुत्र उत्पन्न हुए। उनको उपपांडव कहते थे। : ** युधिष्ठिर से प्रतिविंध्य, भीम से शृतसोम, अर्जुन से शृतकर्म, नकुल से शतानीक, सहदेव से शृतसेन का जन्म हुआ।
महत्वपूर्ण संकेत
पुरष: blue border स्त्री: red borderपांडव: हरे रंग बॉक्सकौरव: पीले बॉक्स उपपांडव: गुलाबी बॉक्स