विराटपर्व

विराट पर्व के अन्तर्गत ५ उपपर्व और ७२ अध्याय हैं।

पर्व शीर्षक उप-पर्व संख्या उप-पर्व सुची अध्याय एवम श्लोक संख्या विषय-सूची
विराटपर्व ५१-५५
  • पाण्डवप्रवेश पर्व
  • समयपालन पर्व
  • कीचकवध पर्व
  • गोहरण पर्व
  • वैवाहिक पर्व।
६७/२०५० विराट पर्व में अज्ञातवास की अवधि में विराट नगर में रहने के लिए गुप्तमन्त्रणा, धौम्य द्वारा उचित आचरण का निर्देश, युधिष्ठिर द्वारा भावी कार्यक्रम का निर्देश, विभिन्न नाम और रूप से विराट के यहाँ निवास, भीमसेन द्वारा जीमूत नामक मल्ल तथा कीचक और उपकीचकों का वध, दुर्योधन के गुप्तचरों द्वारा पाण्डवों की खोज तथा लौटकर कीचकवध की जानकारी देना, त्रिगर्तों और कौरवों द्वारा मत्स्य देश पर आक्रमण, कौरवों द्वारा विराट की गायों का हरण, पाण्डवों का कौरव-सेना से युद्ध, अर्जुन द्वारा विशेष रूप से युद्ध और कौरवों की पराजय, अर्जुन और कुमार उत्तर का लौटकर विराट की सभा में आना, विराट का युधिष्ठिरादि पाण्डवों से परिचय तथा अर्जुन द्वारा उत्तरा को पुत्रवधू के रूप में स्वीकार करना वर्णित है।

बाहरी कडियाँ