ग्रिगोरी रास्पुतिन
ग्रिगोरी रास्पुतिन | |
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जन्म |
21 जनवरी 1869 Pokrovskoe, साइबेरिया, रूसी साम्राज्य |
मौत |
30 दिसम्बर 1916 Petrograd, रूसी साम्राज्य | (उम्र 47 वर्ष)
मौत की वजह | कपटवध |
पेशा | किसान, तीर्थयात्री, आरोग्यसाधक, सलाहकार |
धर्म | रूसी ऑर्थोडॉक्स |
जीवनसाथी | Praskovia Fedorovna Dubrovina |
बच्चे | मिखाइल, Anna, ग्रिगोरी, दमित्री, Matryona, Varvara, Paraskeva |
माता-पिता | Efim Vilkin रास्पुतिन और Anna Parshukova |
ग्रिगोरी रास्पुतिन (रूसी: Григорий Ефимович Распутин; IPA: [ɡrʲɪˈɡorʲɪj (j)ɪˈfʲiməvʲɪtɕ rɐˈsputʲɪn];[1] साँचा:OldStyleDate – साँचा:OldStyleDate[2]) एक रूसी किसान, एक अनुभवी यात्री,[3] एक रहस्यवादी आस्था चिकित्सक, और रूसी साम्राज्य के अंतिम त्सार, निकोलस द्वितीय के परिवार के एक विश्वसनीय मित्र थे। वे सेंट पीटर्सबर्ग में एक प्रभावशाली व्यक्ति बन गएँ, ख़ासकर अगस्त १९१५ के पश्चात्, जब निकोलस ने प्रथम विश्व युद्ध में युद्धरत सेना की कमान संभाली। असंख्य आध्यात्मिक और राजनीतिक मुद्दों पर त्सार की पत्नी Alexandra Feodorovna को सलाह देते हुयें, रास्पुतिन रूसी राष्ट्रवादियों, उदारवादियों और अभिजातों के लिए एक आसान बलि का बकरा बन गएँ।
रास्पुतिन के जीवन और उनका कमज़ोर इच्छाशक्ति वाले ज़ार और हठी त्सारिना पर कितना प्रभाव था, इन बातों को लेकर बहुत अनिश्चितता हैं।[4] वर्णन अक्सर संदिग्ध संस्मरणों, अफ़वाहों और किंवदंती पर आधारित हैं।[note 1] भले उनके प्रभाव और स्तर की अतिशयोक्ति हुई हो — रास्पुतिन शक्ति, ऐयाशी और हवस का समानार्थी बन गएँ — उनकी उपस्थिति ने शाही दम्पति की बढ़ती अलोकप्रियता में अहम भूमिका निभाई।[8] रास्पुतिन की हत्या राजतन्त्रवादियों द्वारा हुई, जिन्हें शाही परिवार पर रास्पुतिन के असर को ख़त्म कर, त्सारवाद को बचाने की उम्मीद थी।
सन्दर्भ
- ↑ "Искатели. Клад Григория Распутина – документальный фильм". मूल से 1 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 दिसंबर 2016.
- ↑ Kerensky, p. 182.
- ↑ "F. Gaida (2012) "the DIARY of RASPUTIN"". मूल से 24 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 दिसंबर 2016.
- ↑ Rappaport, H. (2014) "Four Sisters. The Lost lives of the Romanov Grand Duchesses, p. 129.
- ↑ Wilson, pp. 11, 14, 16.
- ↑ Lieven, p. 273.
- ↑ Moe, p. 6.
- ↑ Walter G. Moss (2003) A History of Russia Volume 1: To 1917. Anthem Press. p. 316. ISBN 1843310236
सन्दर्भ की झलक
- ↑ Colin Wilson said in 1964, "No figure in modern history has provoked such a mass of sensational and unreliable literature as Grigori Rasputin. More than a hundred books have been written about him, and not a single one can be accepted as a sober presentation of his personality. There is an enormous amount of material on him, and most of it is full of invention or willful inaccuracy. Rasputin's life, then, is not 'history'; it is the clash of history with subjectivity."[5] See also Wilson's book The Occult: a history (1971), where he writes on p. 433, "Rasputin seems to possess the peculiar quality of inducing shameless inaccuracy in everyone who writes about him." "Of the diabolical schemer portrayed by Sir Bernard Pares there is no sign." [1] According to Dominic Lieven, "more rubbish has been written on Rasputin than on any other figure in Russian history."[6][7]